दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा रुप ले सकता है?
दोषों का पर्दाफाश करना तब बुरा रूप् ले सकता है जब उसका उद्देश्य किसी व्यक्ति का केवल मजाक उड़ाना हो| इस पर्दाफाश के पीछे किसी के दोष को सुधारने का उद्देश्य न होकर उसकी बदनामी करना हो। इसके अलावा इस पर्दाफाश के पीछे किसी की भलाई का लक्ष्य न हो, किसी संस्था या प्रतिष्ठान को बदनाम करना हो, सत्यता को बिना जाने-समझे लोगों के सामने लाना, अपनी निजी वैमनस्यता का बदला लेने की भावना हो या स्वयं की अधिकाधिक महत्वाकांक्षा के तहत अपने चैनल आदि की प्रसिद्धि बढ़ानी हो। इस प्रकार की स्थितियों में किया गया दोषों का पर्दाफाश बुरा रूप ले सकता है|